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Blood Group

  इम्यूनोहेमेटोलॉजी , इम्यूनोलॉजी के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए RBC के एंटीजन और उनके संबंधित एंटीबॉडी के अध्ययन के लिए प्रयोग होती है। यह शाखा यह समझने में मदद करती है कि Blood में मौजूद विभिन्न एंटीजन और एंटीबॉडी कैसे परस्पर क्रिया करते हैं ।  Red Cell Antigen Red cell antigen  red blood cell की surface पर पाए जाने वाले प्रोटीन या carbohydrate होते हैं। ये एंटीजन विभिन्न Blood groups को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सबसे प्रमुख रेड सेल एंटीजन सिस्टम हैं: ABO सिस्टम:- इसमें चार प्रमुख रक्त समूह होते हैं - A, B, AB और O। प्रत्येक समूह की red blood cell पर specific एंटीजन होते हैं:    ग्रुप A में A एंटीजन होते हैं।    ग्रुप B में B एंटीजन होते हैं।    ग्रुप AB में दोनों A और B एंटीजन होते हैं।    ग्रुप O में कोई एंटीजन नहीं होता है। Rh सिस्टम:- इस सिस्टम में सबसे महत्वपूर्ण एंटीजन D है। इस एंटीजन की उपस्थिति या अनुपस्थिति के आधार पर रक्त समूह Rh+ (पॉजिटिव) या Rh- (नेगेटिव) होता है। रेड सेल एंटीजन शरीर की immune system के द्वारा पहचाने जाते हैं और यदि असंगत रक्त सम
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प्रीवेंटिव मेजर

सर्प दंश से बचने के लिए निम्नलिखित 15 उपाय अपनाए जा सकते हैं: 1. **साफ-सफाई रखें:** अपने आसपास की जगह को साफ-सुथरा रखें ताकि सांपों को छुपने की जगह न मिले। 2. **खुले पैर न चलें:** घास, झाड़ियों, या जंगलों में चलते समय जूते और मोटे कपड़े पहनें। 3. **अच्छी रोशनी का उपयोग करें:** रात में बाहर जाते समय टॉर्च या फ्लैशलाइट का उपयोग करें। 4. **सावधानी से काम करें:** लकड़ी या पत्थरों को उठाते समय सावधानी बरतें। 5. **सर्पों की आदतें जानें:** अपने क्षेत्र में पाए जाने वाले सर्पों के प्रकार और उनकी आदतें जानें। 6. **सर्प-रोधी तेल या स्प्रे का उपयोग करें:** विशेष तेल या स्प्रे का उपयोग करें जो सांपों को दूर रखने में सहायक होते हैं। 7. **घर के आसपास की झाड़ियाँ काटें:** अपने घर के आसपास की झाड़ियों और घास को नियमित रूप से काटते रहें। 8. **दरवाजे और खिड़कियाँ बंद रखें:** रात में दरवाजे और खिड़कियाँ बंद रखें और दरवाजों के नीचे की दरारों को सील करें। 9. **पशु चारा सुरक्षित रखें:** घर के आसपास पशु चारा न रखें जिससे चूहे आकर्षित होते हैं, क्योंकि चूहे सांपों का भोजन हैं। 10. **पानी के स्रोतों को ढकें:**

सर्प दंश

सर्प दंश प्रबंधन पर 15 महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं: 1. **शांत रहें**: पीड़ित को शांत रहने के लिए कहें और अत्यधिक गतिविधि से बचें। 2. **स्थिर करें**: दंशित अंग को स्थिर और दिल के नीचे रखें। 3. **साफ करें**: दंश वाली जगह को साबुन और पानी से धीरे से साफ करें। 4. **संपीड़क पट्टी**: दंश वाली जगह के ऊपर और नीचे एक ढीली पट्टी बांधें। 5. **चिकित्सा सहायता प्राप्त करें**: तुरंत चिकित्सा सहायता के लिए अस्पताल या नजदीकी चिकित्सा केंद्र जाएं। 6. **सांप की पहचान करें**: यदि संभव हो तो सांप की पहचान करें, लेकिन इसे पकड़ने का प्रयास न करें। 7. **नहीं काटें या चूसें**: दंश वाली जगह को काटने या चूसने का प्रयास न करें। 8. **गहने और तंग कपड़े हटाएं**: सूजन को ध्यान में रखते हुए दंशित अंग से गहने और तंग कपड़े हटा दें। 9. **आराम दें**: पीड़ित को आरामदायक स्थिति में रखें और उसे चलने से बचाएं। 10. **लक्षणों पर ध्यान दें**: साँस लेने में कठिनाई, सूजन, दर्द, आदि लक्षणों पर निगरानी रखें। 11. **दंश वाली जगह को न छुएं**: दंश वाली जगह को छूने या दबाने से बचें। 12. **शीतलता प्रदान करें**: दंश वाली जगह पर बर्फ क

Forehead Thermameter

फोरहेड थर्मोमीटर क्या होता है?  फोरहेड थर्मामीटर एक प्रकार का डिजिटल थर्मामीटर होता है जो शरीर के तापमान को मापने के लिए माथे का उपयोग करता है। यह थर्मामीटर इन्फ्रारेड Technology का उपयोग करके skin  Temperature को मापता है। इसे संपर्क रहित(Touchless) थर्मामीटर भी कहा जाता है क्योंकि इसे त्वचा के संपर्क में लाने की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे यह स्वच्छता और सुरक्षा की दृष्टि से भी लाभदायक होता है। _______________________________________________ फोरहेड थर्मोमीटर का वर्किंग प्रिंसिपल ?  फोरहेड थर्मामीटर का वर्किंग प्रिंसिपल इन्फ्रारेड तकनीक पर आधारित होता है। इसके वर्किंग प्रिंसिपल को चरणबाद तरीके से समझने की कोशिश करते हैंl 1. इन्फ्रारेड रेडिएशन:- मानव शरीर स्वाभाविक रूप से इन्फ्रारेड रेडिएशन उत्सर्जित करता है। फोरहेड थर्मामीटर माथे से उत्सर्जित इस इन्फ्रारेड रेडिएशन को कैप्चर करता है। 2. डिटेक्टर: थर्मामीटर में एक इन्फ्रारेड डिटेक्टर होता है जो इस रेडिएशन को पहचानता और कैप्चर करता है। 3. कैलकुलेशन : डिटेक्टर द्वारा कैप्चर की गई इन्फ्रारेड रेडिएशन को थर्मामीटर के अंदर माइक्रोप्रोसेसर द

डिजिटल BP मॉनिटर

ऑसिलोमेट्रिक विधि (Oscillometric Method) ब्लड प्रेशर मापने की एक आधुनिक और व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक है। इसे ठीक से समझने के लिए, आइए हम इसके प्रमुख चरणों और सिद्धांतों को विस्तार से समझते हैं: ### ऑसिलोमेट्रिक विधि का सिद्धांत ऑसिलोमेट्रिक विधि ब्लड प्रेशर मापने के लिए blood vessels वाहिकाओं  रक्त प्रवाह के कारण उत्पन्न होने वाले छोटे दबाव परिवर्तनों (ऑसिलेशन) को मापती है। ### ऑसिलोमेट्रिक विधि के चरण 1. **कफ का फुलाना:**    - कफ को ऊपरी बांह के चारों ओर लपेटा जाता है और मॉनिटर को चालू करके फुलाया जाता है। कफ का दबाव ब्रैकियल आर्टरी (barkial artery) को संकुचित करता है और रक्त प्रवाह को रोकता है। 2. **कफ का धीरे-धीरे डिफ्लेट होना:**    - एक बार जब कफ पूरी तरह से फुला लिया जाता है, तो मॉनिटर धीरे-धीरे कफ का दबाव कम करता है।     - जब कफ का दबाव धमनी में सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (हृदय का पंप करने का दबाव) से थोड़ा नीचे आता है, तो रक्त प्रवाह फिर से शुरू होता है, जिससे कफ में छोटे-छोटे दबाव परिवर्तन (ऑसिलेशन) होते हैं। 3. **ऑसिलेशन का पता लगाना:**    - कफ में लगे प्रेशर सेंसर

Puls Oximeter

सीन 1: इंट्रोडक्शन ( एक साफ और सुंदर पृष्ठभूमि, एक व्यक्ति मुस्कुराते हुए कैमरे के सामने खड़ा है) नरेटर : जय हिंद दोस्तों, मैं विनोद लेबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट, आज मैं आप लोगों को  एक बहुत ही महत्वपूर्ण, मेडिकल डिवाइस के बारे में बताऊंगा। जो है " पल्स ऑक्सीमीटर "। _______________________________________________ सीन 2:  पल्स ऑक्सीमीटर का परिचय (पल्स ऑक्सीमीटर का क्लोज़-अप शॉट) नरेटर: पल्स ऑक्सीमीटर एक छोटा, पोर्टेबल,और उपयोगी मेडिकल device है,  जो आपकी उंगली पर लगाया जाता है।  यह आपके blood में ऑक्सीजन saturation, blood flow, heart rate को मापता है। _______________________________________________ सीन 3:  उपयोगिता और महत्व (एक व्यक्ति पल्स ऑक्सीमीटर का उपयोग कर रहा है) नरेटर:  पल्स ऑक्सीमीटर का उपयोग विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जो श्वसन संबंधित समस्याओं से ग्रस्त हैं, जैसे अस्थमा, COPD, और COVID-19। यह चिकित्सकों और घर पर रह रहे लोगों के लिए आवश्यक उपकरण बन गया है। ----------------------------------------------------- सीन 4:  कैसे करें उपयोग (एक व्यक्ति पल्स ऑक्सीम