फोरहेड थर्मोमीटर क्या होता है?
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फोरहेड थर्मोमीटर का वर्किंग प्रिंसिपल ?
फोरहेड थर्मामीटर का वर्किंग प्रिंसिपल इन्फ्रारेड तकनीक पर आधारित होता है। इसके वर्किंग प्रिंसिपल को चरणबाद तरीके से समझने की कोशिश करते हैंl
1. इन्फ्रारेड रेडिएशन:- मानव शरीर स्वाभाविक रूप से इन्फ्रारेड रेडिएशन उत्सर्जित करता है। फोरहेड थर्मामीटर माथे से उत्सर्जित इस इन्फ्रारेड रेडिएशन को कैप्चर करता है।
2. डिटेक्टर: थर्मामीटर में एक इन्फ्रारेड डिटेक्टर होता है जो इस रेडिएशन को पहचानता और कैप्चर करता है।
3. कैलकुलेशन: डिटेक्टर द्वारा कैप्चर की गई इन्फ्रारेड रेडिएशन को थर्मामीटर के अंदर माइक्रोप्रोसेसर द्वारा प्रोसेस किया जाता है। माइक्रोप्रोसेसर इस रेडिएशन को तापमान के डिजिटल रीडिंग में परिवर्तित करता है।
4. डिस्प्ले: अंत में, प्रोसेस किए गए तापमान को थर्मामीटर की स्क्रीन पर डिजिटल रूप में दिखाया जाता है।
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फोरहेड थर्मामीटर के कई फायदे हैं:
संपर्क रहित मापन:- यह थर्मामीटर बिना टच किये तापमान माप सकता है, जिससे संक्रमण फैलने का जोखिम कम होता है।
त्वरित मापन:- यह कुछ सेकंड के भीतर सटीक तापमान रीडिंग प्रदान करता है, जिससे समय की बचत होती है।
आसान उपयोग:- इसका उपयोग करना बहुत आसान है
विशेष कर छोटे बच्चों और बुजुर्गों का तापमान मापने के लिए बहुत ही उपयोगी है। इससे सोते हुए बिना डिस्टर्ब किया तापमान लिया जा सकता है विशेष कर बच्चों का।
स्वच्छता: चूंकि यह संपर्क में नहीं आता, इसलिए इसे बार-बार साफ करने की आवश्यकता नहीं होती है।
बहुउद्देश्यीय:- कुछ फोरहेड थर्मामीटर न केवल शरीर का तापमान माप सकते हैं, बल्कि कमरे, भोजन और अन्य सतहों का तापमान भी माप सकते हैं।
Save Temperature:- कई फोरहेड थर्मामीटर में पिछले रीडिंग्स को स्टोर करने की सुविधा होती है, जिससे तापमान में बदलाव को ट्रैक करना आसान हो जाता है।
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फोरहेड थर्मोमीटर उपयोग करने की कुछ सावधानियां
थर्मामीटर और माथे के बीच की दूरी 1 से 2 सेंटीमीटर होनी चाहिए
माता बिल्कुल पसीना रहित और साफ होनी चाहिए
तापमान लेते समय यह ध्यान रखें की माता और थर्मामीटर दोनों स्थिर हों
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