सीन 1: इंट्रोडक्शन
(एक साफ और सुंदर पृष्ठभूमि, एक व्यक्ति मुस्कुराते हुए कैमरे के सामने खड़ा है)
नरेटर: जय हिंद दोस्तों, मैं विनोद लेबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट, आज मैं आप लोगों को एक बहुत ही महत्वपूर्ण, मेडिकल डिवाइस के बारे में बताऊंगा। जो है "पल्स ऑक्सीमीटर"।
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सीन 2:
पल्स ऑक्सीमीटर का परिचय
(पल्स ऑक्सीमीटर का क्लोज़-अप शॉट)
नरेटर: पल्स ऑक्सीमीटर एक छोटा, पोर्टेबल,और उपयोगी मेडिकल device है, जो आपकी उंगली पर लगाया जाता है।
यह आपके blood में ऑक्सीजन saturation, blood flow, heart rate को मापता है।
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सीन 3:
उपयोगिता और महत्व
(एक व्यक्ति पल्स ऑक्सीमीटर का उपयोग कर रहा है)
नरेटर:
पल्स ऑक्सीमीटर का उपयोग विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जो श्वसन संबंधित समस्याओं से ग्रस्त हैं, जैसे अस्थमा, COPD, और COVID-19। यह चिकित्सकों और घर पर रह रहे लोगों के लिए आवश्यक उपकरण बन गया है।
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सीन 4:
कैसे करें उपयोग
(एक व्यक्ति पल्स ऑक्सीमीटर का सही ढंग से उपयोग कर रहा है)
नरेटर:
अपनी उंगली साफ करें -
सही माप के लिए यह महत्वपूर्ण है कि आपकी उंगली पर कोई धूल या नमी न हो।
उंगली को डालें -
अब पल्स ऑक्सीमीटर की क्लिप को अपनी उंगली पर सावधानीपूर्वक लगाएं।
माप का इंतजार करें -
कुछ सेकंड इंतजार करें और स्क्रीन पर आपके ऑक्सीजन स्तर और हृदय गति के परिणाम देखिए।
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सीन 5:
पल्स ऑक्सीमीटर का वर्किंग प्रिंसिपल
फोटोप्लेथिस्मोग्राफी (photoplethysmography) और स्पेक्ट्रोफोटोमेट्री (spectrophotometry) पर आधारित है।
पल्स ऑक्सीमीटर के वर्किंग प्रिंसिपल को निम्नलिखित चरणों में समझा जा सकता है:
1. (Light Emission and Absorption)
पल्स ऑक्सीमीटर में दो प्रकार के प्रकाश स्रोत होते हैं: एक रेड लाइट (जिसका wave length लगभग 660 nm ) और दूसरा इंफ्रारेड लाइट (लगभग 940 nm)
ये लाइटें, light source(Led) से skin और tissue से होकर गुजरती हैं और एक डिटेक्टर (फोटोडायोड) पर पहुंचती हैं।
2.(Absorption of Light):
ऑक्सीजन-युक्त हेमोग्लोबिन (HbO2) और डीऑक्सीजन-युक्त हेमोग्लोबिन (Hb) दोनों ही प्रकाश को अलग-अलग तरीके से अवशोषित करते हैं।
रेड लाइट अधिकतर डीऑक्सीजन-युक्त हेमोग्लोबिन द्वारा अवशोषित होती है जबकि इंफ्रारेड लाइट अधिकतर ऑक्सीजन-युक्त हेमोग्लोबिन द्वारा अवशोषित होती है।
जब रक्त प्रवाह बदलता है (हृदय धड़कन के कारण), तो absorbed प्रकाश की मात्रा भी बदलती है।डिटेक्टर द्वारा कैप्चर किया गया सिग्नल रक्त प्रवाह और हृदय गति के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
3. Measurement of Light
ऑक्सीमीटर में लगे डिटेक्टर इन प्रकाशों की अवशोषण के आधार पर एक सिग्नल उत्पन्न करता है।
4.सिग्नल प्रोसेसिंग (Signal Processing)
ये सिग्नल एक माइक्रोप्रोसेसर के पास जाते हैं, जो दो प्रकार के हेमोग्लोबिन के अनुपात की गणना करता है। इससे रक्त में ऑक्सीजन की संतृप्ति (SpO2) और पल्स रेट का निर्धारण होता है।
5.डिस्प्ले (Display)अंत में, गणना किए गए ऑक्सीजन स्तर और पल्स रेट को डिजिटल डिस्प्ले पर दिखाया जाता है।
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सीन 6
परिणाम को समझना
(स्क्रीन पर पल्स ऑक्सीमीटर के परिणाम दिखते हैं)
नरेटर:
सामान्य ऑक्सीजन स्तर 95% से 100% के बीच होता है।
हृदय की सामान्य धड़कन 60 से 100 BPM (बीट्स पर मिनट) होती है।
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सीन 6:
निष्कर्ष
(व्यक्ति कैमरे की तरफ मुस्कुराते हुए देखता है)
नरेटर:
तो ये था पल्स ऑक्सीमीटर के बारे में संक्षिप्त परिचय और उपयोग।
अपने और अपने परिवार की सेहत का ध्यान रखें और स्वस्थ रहें!
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